भूत-प्रेत बाधा समस्या समाधान बाबाजी

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भूत-प्रेत क्या होते हैं?

जिस प्रकार से इंसान की योनि होती है उसी प्रकार भूत योनि भी होती है हमारे धर्म ग्रंथों में लिखा गया है कि 8400000 योनियों से गुजरने के बाद हमें मनुष्य शरीर मिलता है!

परंतु कुछ मनुष्य इस जीवन का सदुपयोग नहीं करते तथा पूरा जिंदगी भोग विलास की चीजों में व्याप्त रहकर मृत्यु पर्यंत भूत आदि प्रेत योनि को प्राप्त होते हैं, जो मनुष्य जिस अवस्था में अपना जीवन यापन करता है मृत्यु के उपरांत उसे वही सब चीजें अच्छी लगती है परंतु शरीर नहीं होने के कारण वह किसी दूसरे शरीर पर कब्जा करने का सोचते हैं और करते भी हैं इसे ही आज के युग में भूत बाधा कहते हैं!

हमारे शरीर में पांच शरीर का वास होता है!

हां दोस्तों यह बिल्कुल सत्य है कि हमारे शरीर में पांच अन्य शरीर का वास होता है जिसे हम परत कह सकते हैं,

पहला परत अनमय कोष अनन्मय कोष अन्न से पोषित होता है,

दूसरा परत प्राणमय कोष यह परत प्राण ऊर्जा से संचालित होता है,

तीसरा परत मनोमय कोष यह परत मन के विचारों के हिसाब से रहता है,

चौथा परत है विज्ञानमय कोष,

एवं अंतिम व पांचवा कोष होता है आत्मा का,

भूत प्रेत समस्या एवं उनका समाधान

यह एक बहुत ही गंभीर समस्या है जिसका निवारण समय रहते हो जाना चाहिए अन्यथा मनुष्य बहुत ही गंभीर विपदा में पड़ सकता है!

इस व्यथा से ग्रसित व्यक्ति अक्सर बीमार रहने लगता है एवं उसका धन अनचाहे तरीके से खर्च होने लगता है और उसे धन हानि एवं स्वास्थ्य हानि होने लगती है!

आजकल लोग एक दूसरे से जलते हैं एवं इस प्रक्रिया का उपयोग कर दूसरे व्यक्ति की जिंदगी बर्बाद कर देते हैं!

तांत्रिक भूत प्रेत का इस्तेमाल अपनी सिद्धियों को हासिल करने में भी करते हैं एवं शत्रु नाश में इसका उपयोग सर्वाधिक होता है!

आजकल के विज्ञान के युग में हम इन सब चीजों को नहीं मानते हैं परंतु हमारे धार्मिक ग्रंथों में इन सभी चीजों का उल्लेख मिलता है!

तथा इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए आपको हमारे गुरु जी शकील जी से मिलना चाहिए वह इस फील्ड में 15 वर्षों से अधिक कार्य कर रहे हैं एवं उन्होंने बहुत बड़ी बड़ी समस्या और जटिल समस्याओं का समाधान किया है!

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